म्यूचुअल फंड के बारे में फैलाए गए 10 झूठ | Myths About Mutual Funds Investments in Hindi – Kaise India Finance
म्युचुअल फंड अधिक अवधि के लिए पूंजी बनाने का एक अच्छा माध्यम है. म्यूचुअल फंड निवेश का एक लोकप्रिय तरीका है, लेकिन इसके बारे में कई गलत धारणाएं भी हैं। इन गलत धारणाओं के कारण, लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करने से कतराते हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Association of Mutual Fund in India – AMFI) के नियमित विज्ञापन करने के बावजूद भी, लोगों को अभी भी म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में बहुत सी गलत धारणाएं हैं, जिन्हें आज हम दूर करने की कोशिश करेंगे.
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म्यूचुअल फंड क्या है? (mutual fund kya hai)
महत्वपूर्ण बिन्दू
म्यूचुअल फंड क्या है हिंदी में : म्यूचुअल फंड(mutual fund kya hai), किसी फाइनेंसियल कंपनी द्वारा प्रबंधित इन्वेस्ट फंड है, इसमें कई इन्वेस्टर्स का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर इस फंड को बाजार में अलग-अलग क्षेत्र(स्टॉक्स, बॉन्ड, गोल्ड) में इन्वेस्ट कर दिया जाता है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) इसे मैनेज करती हैं. प्रत्येक AMC में कई म्यूचुअल फंड योजना शामिल होती हैं.
आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हो तो Upstox सबसे बेहतर ऐप प्लेटफार्म हैं. म्यूच्यूअल फण्ड के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट स्वयं का, आदि की जरुरत पड़ती है. पूंजी निवेश में ये जानकारियां अतिआवश्यक होती हैं. RBI के दिशानिर्देशानुसार व्यक्ति का पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट होने चाहिए. अभी Upstox ऐप डाउनलोड करें और म्यूचुअल फंड से कमाई के लिए अकाउंट बनाएं .
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म्यूचुअल फंड के बारे में गलत धारणाएं
यहां म्यूचुअल फंड के बारे में 10 आम झूठ और उनकी सच्चाई बताई गई है:
- झूठ: म्यूचुअल फंड केवल अमीर लोगों के लिए हैं।
- सच्चाई: म्यूचुअल फंड सभी के लिए हैं। ₹500 जैसे कम निवेश से भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है।
- सच्चाई: हर निवेश में कुछ जोखिम होता है, लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश करने से जोखिम कम हो जाता है क्योंकि आपका पैसा कई अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको हमेशा पैसा मिलेगा।
- सच्चाई: म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ समय में आपको पैसा मिल सकता है, और कुछ समय में आपको नुकसान हो सकता है।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको बहुत ज्ञान की आवश्यकता होती है।
- सच्चाई: आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बहुत ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। आप वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं या ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आप जल्दी अमीर बन जायेंगे।
- सच्चाई: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको धीरे-धीरे पैसा मिलेगा। यह जल्दी अमीर बनने का तरीका नहीं है।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको बहुत समय देना होगा।
- सच्चाई: आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बहुत समय देने की आवश्यकता नहीं है। आप अपनी सुविधानुसार निवेश कर सकते हैं।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको कर लाभ नहीं मिलता है।
- सच्चाई: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको कर लाभ मिल सकता है।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको अपनी पसंद की कंपनियों में निवेश करने का विकल्प नहीं मिलता है।
- सच्चाई: आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने से अपनी पसंद की कंपनियों में निवेश करने का विकल्प मिलता है।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको अपनी जमा राशि वापस लेने में परेशानी होगी।
- सच्चाई: आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने से अपनी जमा राशि वापस लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।
- झूठ: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में कम रिटर्न मिलेगा।
- सच्चाई: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में समान या अधिक रिटर्न मिल सकता है।
म्यूचुअल फंड के बारे में फैलाए गए सबसे बड़े झूठ (myths about mutual funds)
अगर आप हमारे साथ लास्ट तक बने रहते हैं तो आपकी सारी गलतफहमियां दूर कर देंगे. हम म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में 10 कॉमन मिथकों के बारे में अच्छे से चर्चा करेंगे.
मिथ 1: म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है
सच :- म्युचुअल फंड सभी के लिए निवेश का अच्छा साधन हैं, चाहे आप एक अच्छे रूपये कमाने वाले व्यक्ति हो सकते हैं या आपने अभी कमाना शुरू किया है, या आप अपनी मिनिमम बचत का निवेश करना चाहते हो. आप म्युचुअल फंड में 500 रुपये से कम राशि भी निवेश कर सकते हैं. आप समान मासिक निवेश के साथ एक व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan- SIP-एसआईपी) भी शुरू कर सकते हैं. म्युचुअल फंड में नियमित रूप से निवेश करने से आपको अपने पैसे को संयोजित करने और एक बड़ा पूंजी कोष बनाने में मदद मिल सकती है.
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लोगों की कम सुने और खुद ज्यादा सोचें और सच जानें. आप महीने 100, 200 या 500 रूपये भी चुन सकते हैं. सभी कंपनियों की मिनिमम SIP अलग-अलग होती है. आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी कंपनी में निवेश/इन्वेस्ट कर सकते हो. आप एक साथ या कभी-कभार भी यहाँ इन्वेस्ट कर सकते हैं. जब भी आपको लगे की पैसे बचे हुए हैं, खर्च नहीं करने है तो म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करें. हमेशा पैसे बचाने के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट पर भी ध्यान दें.
मिथ 2: म्युचुअल फंड जोखिम भरा है (Is investing in mutual funds risky?)
सच :- बहुत से लोग mutual funds में निवेश करने से इसलिए डरते हैं क्योंकि वे इसे जोखिम भरा मानते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं. ये हमेशा अपने निवेश के आधार पर स्टॉक्स, बॉन्ड, गोल्ड में निवेश करते हैं, जिससे आपका पैसा अलग-अलग हिस्सों में बंटकर निवेश होता है. अगर किसी क्षेत्र से नुकसान होता है तो किसी क्षेत्र से अच्छा फायदा हो जाता है. इसतरह आपको एक अच्छा रिटर्न मिल जाता है.
कई कंपनियां अपना इक्विटी फंड(जो हम निवेश करते है) का सारा पैसा अलग-अलग स्टॉक में डाल देती है, ये वे स्टॉक होते है जिनके रिस्क फैक्टर नाम मात्र होते हैं.फिर भी अगर कोई स्टॉक नुकसान वाला होता है तो अन्य स्टॉक अच्छा रिटर्न दे देते हैं और वो हमें मिल जाता है. ये सब अनुभवी मार्केट विशेषज्ञ पूरी रिसर्च के साथ करते हैं. अब आगे से म्यूच्यूअल फण्ड को लेकर कभी ना डरें. जब भी इन्वेस्ट करें, बिना किसी तनाव के म्यूच्यूअल फण्ड में करें.
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मिथ 3: एसआईपी सभी जोखिमों को खत्म कर देता है
सच :- एसआईपी/SIP में निवेश करना न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह एक निश्चित अवधि में औसत लाभ भी देता है. अगर आप SIP के जरिए किसी इक्विटी स्कीम में निवेश कर रहे हैं, तो आप लंबी अवधि में अच्छे जोखिम-समायोजित रिटर्न(risk-adjusted returns) पा सकते हैं, जो हमेशा बैंक में पैसे रखने से काफी बेहतर होते हैं, यानि बैंक के ब्याज की बजाय 3 से 4 गुना फायदा होता है.
अगर आप डाउन साइकल में बाहर निकलते हैं यानि कम समय में पैसे निकाल लेते हैं तो एसआईपी कम रिटर्न के जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाता है, क्योंकि मार्केट एवरेज के लिए पर्याप्त समय चाहिए. हालांकि, अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेशित रहते हैं और बाजार में तेजी आती है, तो आप पैसा कमाते हैं. जब मार्केट डाउन रहता है उस समय आप पैसे निकाल लेते हैं तो आप अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. लम्बी अवधि का निवेश करना म्यूच्यूअल फण्ड में सबसे बेहतर है.
मिथ 4: म्युचुअल फंड निवेश के लिए शेयर बाजार को समझना होगा
सच :- हम जो भी पैसा म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते हैं वो गोल्ड, शेयर्स और बॉन्ड में इन्वेस्ट होता है, ये तो सच है लेकिन जानना ये है कि क्या आपको म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के लिए share market का ज्ञान होना चाहिए. इसका जवाब है, बिल्कुल नहीं, आपको ये नहीं जानना है की स्टॉक कैसे चुनें, बाजार कैसे काम करता है, स्टॉक मार्केट कब नुकसान देगा या फायदा. ये सभी कार्य म्यूच्यूअल फण्ड को मैनेज करने वाली कंपनी में बैठे एक्सपर्ट करते हैं. म्यूच्यूअल फण्ड ऐसे लोगों के लिए बना है जिन्हें मार्केट का ज्ञान नहीं है या उन्हें वक़्त नहीं है मार्केट को समझने का, या वे किसी प्रकार का तनाव नहीं चाहते हैं.
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मिथ 5: म्यूचुअल फंड रिटर्न की गारंटी देते हैं
सच :- म्यूचुअल फंड स्कीम किसी स्कीम के निवेश उद्देश्य के आधार पर स्टॉक, बॉन्ड या गोल्ड में निवेश करती हैं. कोई स्कीम कैसा प्रदर्शन करेगी, यह इस बात पर निर्भर रहता है कि स्कीम का पोर्टफोलियो (यानि पैसे कहाँ-कहाँ और किसमें लगाएं हैं) कैसा प्रदर्शन करता है. रिटर्न की गारंटी नहीं है, लेकिन लंबी अवधि में, प्रत्येक म्यूचुअल फंड स्कीम आपको अच्छा रिटर्न देती है. लंबी अवधि में, लगभग सभी स्कीम अच्छा प्रदर्शन करती हैं और धैर्य रखने वाले निवेशकों को अच्छे रिटर्न प्राप्त होते हैं.
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मिथ 6: म्यूचुअल फंड मल्टी-बैगर नहीं हो सकते हैं
सच :- बहुत से लोग मानते हैं कि म्यूचुअल फंड कभी मल्टी-बैगर नहीं हो सकते हैं यानि इन्वेस्ट कई गुना नहीं कर सकते हैं. शेयर बाजार में पैसा बनाने का एक तरीका है ऐसे शेयरों को खरीदना जो मल्टीबैगर हों- एक ऐसी कंपनी जिसके शेयर की कीमत आने वाले समय में कई गुना बढ़ जाती है.
म्यूचुअल फंड योजनाओं को बहुत धीमे चलने वाला निवेश माना जाता है क्योंकि उनके पास शेयरों का एक बड़ा पोर्टफोलियो होता है और एक पोर्टफोलियो में रखे गए सभी स्टॉक मल्टीबैगर नहीं हो सकते हैं, ये तो आप भी जानते हैं. हालांकि, वास्तविक दुनिया में क्या ऐसा होता है, कि हमारे द्वारा उठाए गए सभी स्टॉक मल्टीबैगर बनें.
मिथ 7: NAV/एनएवी मायने रखता है ( Net Asset Value)
सच :- कुछ निवेशकों द्वारा उच्च एनएवी/NAV को अक्सर उच्च रिटर्न क्षमता के बराबर माना जाता है. हालांकि उच्च एनएवी एक समय में बने पिछले प्रदर्शन का रिजल्ट है, यह भविष्य की कोई गारंटी तय नहीं कर सकता है. जैसा कि वारेन बफे ने एक बार खा था कि, “आज के निवेशक को कल की वृद्धि से लाभ नहीं होता”.
म्यूचुअल फंड यूनिट्स का आवंटन कट-ऑफ समय से पहले म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा फंड की वसूली के आधार पर किया जाता है. कुछ इक्विटी निवेशकों को चिंता है कि एक या दो दिन चूकने से उन्हें नुकसान हो सकता है. लेकिन, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए, किसी विशेष दिन के एनएवी पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने का वास्तव में कोई मतलब नहीं है. यदि आप नियमित रूप से लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड में निवेश कर रहे हैं, तो परिचालन कारणों से एक या एक दिन की देरी का आपके कुल रिटर्न पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है.
मिथ 8: म्युचुअल फंड केवल लंबी अवधि में काम करते हैं
सच :- यह बात सही है कि म्युचुअल फंड लंबी अवधि में सबसे बेहतर काम करते हैं, लेकिन कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम कम समय के निवेशकों के लिए भी अच्छी साबित होती हैं. शॉर्ट टर्म के लिए फंड इन्वेस्ट करने के लिए ओवरनाइट फंड और लिक्विड फंड सर्वोत्तम ऑप्शन हैं.
मिथ 9: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद भूल जाएं
सच :- बहुत से लोग अक्सर अपनी पूंजी म्यूचुअल फंड स्कीम में लगाकर छोड़ देते हैं और फिर अपने निवेश को देखते भी नहीं हैं. उनका मानना है कि समय के साथ, ये निवेश एक बड़ी पूंजी बन जाएंगे. यह अच्छा विचार नहीं है. अपने निवेश की नियमित रूप से समीक्षा करना अच्छा रहता है. आपको अपने समय के अनुसार, वित्तीय स्थिति को देखते हुए इन्वेस्टमेंट में कुछ परिवर्तन करने चाहिए. समय-समय पर अपने इन्वेस्ट किए गये पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहना बेहतर विचार है.
मिथ 10: लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद रिडीम करें
सच :- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), जिसे टैक्स सेविंग स्कीम के नाम से भी जाना जाता है, में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है। म्युचुअल फंडों की लॉक-इन या उच्च निकास-लोड अवधि समाप्त होने के बाद उनकी इकाइयों को बेचने की लोगों में आदत होती है। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, आप उन्हें रख सकते हैं. हर बार जब आप रिडीम करते हैं, तो आपको टैक्स देना पड़ता है। अगर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है, तो आप इसे बरकरार रख सकते हैं, ये बेहतर विचार साबित हो सकता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें
आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हो तो Upstox सबसे बेहतर ऐप प्लेटफार्म हैं. म्यूच्यूअल फण्ड के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट स्वयं का, आदि की जरुरत पड़ती है. पूंजी निवेश में ये जानकारियां अतिआवश्यक होती हैं. RBI के दिशानिर्देशानुसार व्यक्ति का पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट होने चाहिए. अभी Upstox ऐप डाउनलोड करें और म्यूच्यूअल फण्ड के लिए अकाउंट बनाएं .
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FAQs About Mutual Fund Investments in Hindi
मुझे म्यूचुअल फंड में निवेश कब शुरू करना चाहिए?
एक बेहतरीन कहावत है, “पेड़ लगाने का सबसे अच्छा समय 20 साल पहले था। दूसरा सबसे अच्छा समय अब है। तो फिर आज ही शुरू करें.
भारत में कौन सा म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा है?
1. ICICI Prudential Technology Fund
2. TATA Digital India Fund
3. ICICI Prudential Technology Fund
4. Aditya Birla Sun Life Digital India Fundम्यूचुअल फंड के 4 प्रकार क्या हैं?
अधिकांश म्यूचुअल फंड चार मुख्य श्रेणियों में से एक में आते हैं – मनी मार्केट फंड, बॉन्ड फंड, स्टॉक फंड और टारगेट डेट फंड। प्रत्येक प्रकार की अलग-अलग विशेषताएं, जोखिम और रिवार्ड्स हैं। मनी मार्केट फंड में अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है।
FD या म्यूचुअल फंड में से कौन सा बेहतर है?
लंबी अवधि में, म्यूचुअल फंड में FD को मात देने वाला रिटर्न देने की क्षमता होती है। इसके अलावा, एफडी के लाभों की तुलना में म्यूचुअल फंड अत्यधिक तरल और अधिक कर कुशल हैं। म्यूचुअल फंड FD से बेहतर निवेश विकल्प बनाते हैं।
क्या भारत में म्यूचुअल फंड सुरक्षित है?
म्यूचुअल फंड कंपनियां भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) जैसी नियामक एजेंसियों द्वारा विनियमित और पर्यवेक्षण करती हैं, कोई भी फंड हाउस निवेशक के पैसे से फरार नहीं हो सकता है। … संक्षेप में कहें तो म्यूचुअल फंड हाउस बैंक जितना ही सुरक्षित होता है।
क्या म्यूचुअल फंड एक अच्छा निवेश है?
म्युचुअल फंड एक सुरक्षित निवेश है यदि आप उन्हें समझते हैं। इक्विटी फंड में निवेश करते समय निवेशकों को रिटर्न में छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए।
क्या मैं म्यूच्यूअल फण्ड से कभी भी पैसे निकाल सकता हूँ?
ओपन एंड स्कीम में निवेश को किसी भी समय भुनाया जा सकता है। निवेशकों को अपने निवेश पर लागू होने वाले किसी भी एक्जिट लोड को ध्यान में रखना चाहिए। एक्जिट लोड, रिडेम्पशन के समय काटा जाने वाला शुल्क है, यदि लागू हो तो ही।