बेस्ट मनी सेविंग प्लान इन हिंदी- सबसे अच्छी बचत योजनाए
हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है बेस्ट मनी सेविंग प्लान के बारे में अगर आप भी सेविंग प्लान ढूंढ़ रहे है तो आज की यह पोस्ट आपके लिए ही है जिसमें आपको सेविंग प्लान के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
अगर आप सेविंग करना चाहते हैं तो आप पोस्ट ऑफिस की मदद से सेविंग कर सकते हैं पोस्ट ऑफिस में इन्वेस्टमेंट योजनाएं पहले से ही चल रही है जो ज्यादा से ज्यादा ब्याज के साथ टैक्स का फायदा भी देती है। भारत सरकार द्वारा भी पोस्ट ऑफिस की गारंटी होती है।
1. पोस्ट ऑफिस बचत खाता प्लान –
महत्वपूर्ण बिन्दू
अगर आपके किसी भी बैंक में अकाउंट है तो आपने सेविंग के बारे में तो जरूर सुना होगा यानी कि बैंक में एक सेविंग अकाउंट होता है जिसे बचत खाता भी कहते हैं दोस्तों ठीक उसी की तरह पोस्ट ऑफिस में भी एक बचत खाता होता है। पोस्ट ऑफिस में आप सिर्फ एक अकाउंट ही खोल सकते हैंपोस्ट ऑफिस में एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर करने की सुविधा होती है। पोस्ट ऑफिस में आप नाबालिग के नाम पर भी अकाउंट खोल सकते हैं जिसमें आपको 4% ब्याज दर मिलता है।
2. पोस्ट ऑफिस RD अकाउंट प्लान –
पोस्ट ऑफिस के साथ पैसे बचाने की एक योजना आरडी अकाउंट भी है। पोस्ट ऑफिस में आरडी अकाउंट योजना जिस पर 5.8% वार्षिक ब्याज मिलता है और यह योजना मासिक निवेश योजना यानी कि इसमें आप महीने का इन्वेस्टमेंट कर सकते है। पोस्ट ऑफिस की आरडी योजना 5 साल की होती है जिसमें आप ₹100 से लेकर हर महीने कितने भी ज्यादा अमाउंट को इन्वेस्ट कर कर सकते हैं यानी कि आप सेव कर सकते हैं और उस पर ब्याज भी ले सकते हैं। पोस्ट ऑफिस के आरडी अकाउंट में एक ऑफ पोस्ट ऑफिस से एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर करने की सुविधा उपलब्ध है।
पोस्ट ऑफिस के आरडी अकाउंट को एक व्यक्ति एक से ज्यादा अकाउंट भी खोल सकते हैं नाबालिक भी इस अकाउंट को खोल सकता है जिसकी उमर कम से कम 10 वर्ष हो और दो व्यक्ति एक साथ मिलकर जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं इसमें जॉइंट अकाउंट भी दो प्रकार के होते हैं। पोस्ट ऑफिस के आरडी अकाउंट में आप 1 साल पूरा होने के बाद अपने इन्वेस्टमेंट का 50 % निकाल भी सकते हैं।
3. (TD) पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान –
दोस्तों पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान में आप कम से कम ₹200 का निवेश कर सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा कितना भी कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है। पोस्ट ऑफिस के टाइम डिपॉजिट प्लान में आप कितने भी अकाउंट खोल सकते हैं। पोस्ट ऑफिस के टाइम डिपॉजिट प्लान में आप सिंगल भी अकाउंट खोल सकते अगर आप चाहे तो जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं और साथ ही नाबालिग भी इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकता है। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान में 1 वर्ष में 5.5 ब्याज दर मिलता है। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान में 2 वर्ष में 5.5% ब्याज मिलता है। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान में 3 वर्ष में 5.5% ब्याज मिलता है। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट प्लान में 5 वर्षों में 6.5% ब्याज मिलता है।
4. (POMIS) पोस्ट ऑफिस मासिक आय प्लान –
दोस्तों पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना में कोई भी व्यक्ति अकेले या जॉइंट MIS अकाउंट खोल सकता है एक नाबालिग भी इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकता है अगर नाबालिग की उम्र कम से कम 10 वर्ष है तो वह अकाउंट ऑपरेट भी कर सकता है। अगर आप अकेले इस अकाउंट को शुरू करते हैं तो आपको कम से कम ₹1500 और ज्यादा से ज्यादा 4.5 लाख रुपए है। पोस्ट ऑफिस मासिक आय प्लान में जॉइंट अकाउंट में ज्यादा से ज्यादा सीमा ₹9 लाख है।
पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना 5 साल के लिए निर्धारित की गई है जिसमें आप को वार्षिक यानी कि सालाना 6.6% ब्याज दर के हिसाब से महीने का लाभ मिलता है यानि की अगर आपने 2 लाख का इन्वेस्टमेंट किया है तो आपको 5 साल तक के ब्याज के तौर पर 1300 ₹ हर महीने आपको आपको मिलेंगे और साथ ही योजना की अवधि पूरी हो जाने के बाद आप का निवेश किया गया पैसा आपको पूरा मिल जाएगा।
महीने का मिलने वाले लाभ को आप पोस्ट ऑफिस आरडी अकाउंट मैं भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो आप एक से ज्यादा अकाउंट भी खोल सकते हैं लेकिन सभी में जमा की गई राशि 4.5 लाख से ज्यादा होनी चाहिए और अगर आप चाहे तो आप इसमें जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना –
प्रधानमंत्री बाल केयर योजना,किसान विकास पत्र सुकन्या समृद्धि खाता, यह सभी पोस्ट ऑफिस योजनाएं है जिनमें आप अपने पैसे की सेविंग करके, और एक तरह का इन्वेस्टमेंट करके फायदा उठा सकते हैं
5. FD – फिक्स डिपाजिट प्लान –
दोस्तों फिक्स डिपॉजिट बैंक और एनबीएफसी या नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले साधन है जिसके द्वारा आप एक निश्चित ब्याज दर पर सुरक्षित रूप से एक निर्धारित ब्याज राशि को बढ़ा सकते हैं। फिक्स्ड पॉजिटिव सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। फिक्स डिपाजिट लगातार ब्याज दरों की गारंटी देता है।
फिक्स डिपाजिट बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता यानी कि बाजार के उतार-चढ़ाव से फिक्स्ड डिपॉजिट पर कोई असर नहीं होता है और आप कितने सालों का फिक्स डिपाजिट कराते हैं उतना साल पूरे होने के बाद आपको गारंटी रिटर्न मिलता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की फायदे और नुकसान –
दोस्तों फिक्स्ड डिपाजिट कराने पर आपको रिटर्न निश्चित ही मिलता है। फिक्स डिपॉजिट में मार्केट का उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। फिक्स डिपाजिट में आपके मूलधन का नुकसान ना के बराबर है। दोस्तों अगर आप पर फिक्स्ड डिपॉजिट से बैंक में कराते हैं तो उससे ज्यादा फायदा आपको एनबीएफसी द्वारा दी जाने वाली एफडी ब्याज दरों की तुलना में ज्यादा है।
फिक्स्ड डिपाजिट राशि पर 75% तक लोन लिया जा सकता है।
एफडी को आसानी से रेन्यू क्या जा सकता है दोस्तों अगर आप अपनी एफबी को रेवेन्यू कर आते हैं तो आपको अतिरिक्त दर का फायदा भी मिलता है।
बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान कैसे चुनें?
आपको हम अब यह बताएंगे कि एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान चुनने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- लक्ष्य विश्लेषण – आपको किस खर्च को पूरा करने के लिए एक अच्छा सेविंग या इन्वेस्टमेंट प्लान चाहिए। उसके बारे में आपको अच्छे से सोच कर ही कोई भी प्लेन चुनना चाहिए।
- एक रणनीति बनाएं – अपनी जरूरत के हिसाब से एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान चुनने से पहले एक रणनीति यानी प्लान बनाएं।
- पॉलिसी अवधि पर ध्यान दें – सबसे जरूरी यह जानना होता है किसी भी प्लान को चुनने से पहले की उसमें आपकी पॉलिसी की अवधि यानी समय कितना है। तभी आप उसमें निवेश करें साथ ही आपको समय अपने हिसाब से देखना होगा। जिससे आपको निवेश करने में कोई दिक्कत ना आए।
- सुविधाओं की तुलना करें – किसी भी प्लान में निवेश करने से पहले आपको उसकी सारी सुविधाओं जैसे कवर, राइडर्स, प्रीमियम, पेआउट प्रकार, रिटर्न सभी को अच्छे से जांच लेना चाहिए। और दूसरे प्लांस से तुलना करके ही एक अच्छा प्लान चलना चाहिए।
- डायवर्सिफाई इन्वेस्टमेंट – आपको बता दें कि यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। यदि आप केवल एक इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करने की जगह कहीं सारे और प्लान को चुनते हैं। तो जिसे हम डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट भी कहते हैं।
- समय-समय पर निवेश की निगरानी करें – Investment plan एक ऐसी चीज है जिससे आपको समय-समय पर चेक करते रहना होगा। ताकि मार्केट में आया हुआ नया कोई भी प्लान जो कि अच्छा हो उसमें आप इन्वेस्ट कर पाए।
इन्वेस्टमेंट करने से पहले इन बातो को जरूर ध्यान में रखे
आपको हमने यह तो बता दिया कि इन्वेस्टमेंट को चुनना कैसे चाहिए। लेकिन अब हम आपको बताएंगे किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लेन में निवेश करने से पहले आपको क्या-क्या करना चाहिए? तो चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में जिसे आपको इन्वेस्टमेंट से पहले करना होगा।
फाइनेंशियल नीड
सबसे जरूरी बात किसी भी सेविंग प्लान में निवेश करने से पहले। यही होती है कि आपको आखिर कितने पैसों की जरूरत आगे पड़ने वाली है। यदि आप अपना एक लक्ष्य बना लेंगे तो आपको काफी आसानी होगी उसी हिसाब से एक अच्छी योजना को खरीदने में। लक्ष्य जैसे घर खरीदना, गाड़ी खरीदना, शादी, बच्चों की पढ़ाई उनकी शादी या फिर पैसों को इखट्टा करना आदि। ऐसे बहुत से निवेश ऑप्शंस है जैसे यूलिप जो कि आपको इन लक्ष्यों को पूरा करने में काफी मदद कर सकता है। मान लीजिए आपका परिवार छोटा है या फिर आपको अपने बच्चों की शादी करनी है। तो आप अपने short term goal को पूरा करने के लिए यूलिप जैसे इन्वेस्टमेंट प्लान चुन सकते हैं। वहीं अगर आप 40 या फिर 50 की उम्र के हैं तो आपके लिए एंडोमेंट प्लान काफी अच्छा हो सकता है। इसलिए किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान को चुनने से पहले आपको अपने फाइनेंशियल नीड के बारे में अच्छे से जानना जरूरी है।
Present के खर्चे और सेविंग्स
आप कोई भी इन्वेस्टमेंट प्लान अगर चलाते हैं। तो उससे पहले आपको यह भी देखना होगा कि आपका वर्तमान के खर्च और सेविंग्स कितनी है। इससे आप अपने इन्वेस्ट करने वाले लक्ष्यों को पूरा कर पाएंगे। यदि आपके पास बचत से ज्यादा खर्च है जिसके कारण आप सही समय पर अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफल नहीं हो पाएंगे। तो फिर आपको अपने हिसाब से कोई ऐसी इन्वेस्टमेंट प्लान चुननी चाहिए। जिसमें आप समय से उनकी निवेश राशि को पूरा कर पाए। और यदि आपके पास कोई बड़ा खर्चा नहीं है और उसके पास खर्चे से ज्यादा बचत होती है। तो ऐसे में आपको एक रिटर्न पॉलिसी के साथ जीवन बीमा भी खरीदना चाहिए। जो कि आपके लिए एक अच्छा फैसला बन सकता है।
भविष्य के खर्च और सेविंग्स
जो भी निवेशक है यदि उसका खर्चा वर्तमान के समय कम है। तो इसका यह मतलब नहीं होगा कि भविष्य में उसके खर्च कम ही होंगे। देखा जाए तो धीरे-धीरे भविष्य में खर्च बढ़ते ही हैं। क्योंकि वर्तमान समय में निवेशक के बच्चे छोटे हो सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े होते हैं उनके पढ़ाई का खर्चा, शादी का खर्चा आदि के खर्च के कारण उनके लिए सेविंग प्लान थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि निवेशक अपने खर्चों के बारे में सोच कर ही किसी सेविंग प्लान में इन्वेस्ट करें। और कोशिश करें कि वह एक ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करें जहां उसे कम समय में ही एक साथ राशि मिल सके। और इसे ही उसके भविष्य के लिए पैसे जमा हो सके। इससे आपको यह मदद मिलेगी कि आपके पास भविष्य में निवेश करने के लिए अभी के समय से ज्यादा राशि जमा हो जाएगी। यदि आप यह सब सोच के इन्वेस्ट करते हैं तो आपके खर्चों के साथ-साथ बचत करने। और निवेश करने के लिए अच्छे प्लान को शॉर्ट लिस्ट करने में काफी मदद मिल सकती है।
इमरजेंसी फंड
आपको यह तो पता ही होगा कि यदि आप कहीं किसी योजना में इन्वेस्ट करते हैं। तो वह आपके बुरे वक्त या जब आपको जरूरत पड़ती है उस समय पर काफी काम आते हैं। साथ ही आपको आपके हिसाब से जितने समय में पैसे बढ़ाने हैं वह भी करने में मदद करती है। आप धन का इस्तेमाल अपने घर खरीदने या अपने बच्चों की पढ़ाई या फिर आगे बच्चों की शादी या यदि आप रिटायर हो गए हैं। उसके बाद के रोजाना खर्च को पूरा करती है। इन्वेस्टमेंट प्लान जिसका नाम यूलिप है उसके जरिए यह सब आसान है। इस प्लान में चाइल्ड यूलिप प्लान और एंडोमेंट प्लान भी होते हैं। यह एक ऐसी योजना है जिसमें आपके आगे आने वाले भविष्य के सारे खर्चे को पूरा करने में मदद मिलती है। साथ ही आपको बता दें कि चाइल्ड यूलिप योजना में एक विशेष सुविधा मिलती है। जिसे वेवर ऑफ प्रीमियम ऑप्शन भी कहा जाता है जो की काफी फायदा देने वाला प्लान है।
फेवरेबल रिटर्न
यदि कोई निवेशक जब किसी योजना में निवेश करता है। तो उसे मिलने वाला रिटर्न निवेदक की देखभाल के लिए sufficient होना चाहिए। किसी भी निवेशक की जरूरत को समझने के लिए उसे पॉलिसी खरीदने से सबसे पहले अपने खर्चे के बारे में पता होना जरूरी है। मान लीजिए कि आपका कवर आपकी जरूरत से कम मिल रही हो। तो फिर आपको यूलिप और एंडोमेंट प्लान ही लेना चाहिए। क्योंकि एक यही दो प्लान है जो की एक ही समय में काफी जरूरत पड़ने वाली सुरक्षा प्रोवाइड करता है। साथ ही मिलने वाली राशि में भी बढ़ोतरी करता है।
निवेशक पर आश्रित लोगों की संख्या
किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान को चुनने से पहले निवेशक को यह सोचना चाहिए कि उस पर कितने लोग फाइनेंशली निर्भर है। यह सब सोच कर भी एक निवेशक को यह अंदाजा लग सकता है कि उसे कितनी बीमा राशि की जरूरत हो सकती है। आश्रित या तो आपके पति-पत्नी, बच्चे, भाई-बहन, माता-पिता, सास ससुर या कोई भी रिश्तेदार आदि हो सकते हैं। मान लीजिए यदि निवेशक पर केवल उसके जीवन साथी यानी पत्नी या पति या फिर बच्चे ही हैं तो उसको कम बीमा राशि की जरूरत हो सकती है। अगर अभी बच्चे छोटे है लेकिन धीरे धीरे उनके पढ़ने और उनकी शादी के लिए उनके खर्चे बढ़ सकते हैं। इसलिए उन्हें भी ज्यादा बीमा राशि की जरूरत हो सकती है। वही पूरा परिवार यदि उसे पर निर्भर है तो उसे ज्यादा बीमा राशि की जरूरत पड़ेगी। और उसे उसी हिसाब से ही योजना चुनना होगा।
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निष्कर्ष –
इस आर्टिकल में हमने बात की कुछ बेस्ट मनी सेविंग प्लान के बारे में ,अगर आप इनमे से किसी भी प्लान में इन्वेस्ट करोगे तो आपको जरूर अच्छा फ्यदा मिलेगा। दोस्तों उम्मीद करता हूं आज के इस पोस्ट में आपको काफी कुछ जानने को मिला होगा अगर अभी भी आपके कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर टाइप करें।
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“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
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